क्या होता है क्रेडिट स्कोर लोन लेते समय क्यो माना जाता है महत्वूवर्ण जानें?
क्या होता है क्रेडिट स्कोर लोन लेते समय क्यो माना जाता है महत्वूवर्ण जानें?
आपको आज समझाएंगे क्रेडिट स्कोर का गणित सबसे पहले आपको जानना होगा क्रेडिट स्कोर क्या होता है? और यह बैंड से लोन लेते समय क्यो ज्यादा जरूरी होता है । या यूं कहें कि क्रेडिट स्कोर को इतनी महत्वता क्यो दी जाती है और आपको आज यह भी बताएंगे कि एक अच्छा क्रेडिट स्कोर किसे माना जाता है?
तो चलिए अब आपको व्यवस्थित तरीके से समझते है अगर आपने पर्सनल या बिजनेस लोन के लिए बैंक में आवेदन किया है। तो इसकी मंजूरी और नामंजूरी का फैसला काफी हद तक आपके क्रेडिट स्कोर पर ही निर्भर करता है क्या है गुड क्रेडिट स्कोर?
आप अगर लोन लेने का मन बना चुके है और अगर आपका ज्यादा बड़ा ना होकर छोटा कारोबार है तो लोन के आपके आवेदन का फ्यूचर आपके पर्सनल क्रेडिट स्कोर पर ही निर्भर करेगा इस पूरे मामले में आपकी खुद की व्यक्तिगत साख और आपके बिजनेस की साख यह दोनो ही बहुत ज्यादा मायने रखेंगे। क्योकि यह दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अब सवाल यह आता है कि क्रेडिट स्कोर आखिर है क्या? तो आपको बता दें कि, क्रेडिट स्कोर वह तीन नंबर वाली संख्या है जो आपकी सारी क्रेडिट हिस्ट्री को बयान करती है। साथ ही आपको बता दें बैंक और वित्तीय संस्थान से आप के लेन-देन के रिकॉर्ड पर यह तीन नंबर की संख्या ही महत्वपूर्ण है और यही निर्भर भी करती है।
आइए जानते है क्रेडिट स्कोर का गणित?
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है 300 सबसे कम क्रेडिट स्कोर होता है जबकि 900 अधिकतम क्रेडिट स्कोर है। जानकारी के लिए आपको बता दें सिबिल देश की बड़ी क्रेडिट ब्यूरो कंपनी है।
सिबिल ही नही बल्कि जितनी भी क्रेडिट ब्यूरो कंपनियां है वह अपने अपने ढंग से या यूं कहें कि अपने फॉर्मूले से कार्य करती है।
चलो मां लीजिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर 400 से 650 के बीच है तो भी आपको डिफॉल्ट करने की ज्यादा आशंका होगी इसलिए बैंक आप को लोन देने से इंकार कर सकता है। ज्ञात रहे ऐसा तब होता है जब आपने पहले भुगतान में डिफॉल्ट किया हो और उसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ रहा है ऐसे में अगर आपको लोन मिल भी जाता है तो आपको बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
क्रेडिट स्कोर 650 से 699 होने पर आपको सामान्य जोखिम वाला माना जाता है इसके चलते आपको लोन मिलने की संभावना ज्यादा होती है लेकिन लोन की शर्तें आपके लिए बहुत अनुकूल होती हैं। ज्ञात रहे कि, मंजूर होने वाले सभी नए लोन सिर्फ 5.2 फीसदी, इस कैटेगरी में आते हैं इससे पता चलता है कि इस स्कोर पर भी लोन लेना आसान नहीं है
चलो मान लीजिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर (CREDIT SCORE) 700 से 750 के बीच है तो इसे संतोषजनक माना जाता है इस स्कोर पर आपको प्रतिस्पर्धी ब्याज पर लोन मिलने की संभावना होती है सिबिल के अनुसार मंजूर किए गए सभी लोन में से सिर्फ 10 परसेंट इस कैटेगरी में आते हैं।
अब बात करते है 750 से 799 के क्रेडिट स्कोर(CREDIT SCORE) की तो बतादें इसको अच्छा माना जाता है इससे आपको लोन लेने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब क्रेडिट स्कोर को अचे से समझने के बाद आप सोच रहे होंगे कि क्रेडिट स्कोर (Credit score)लोन के लेन देन में सबसे ज्यादा जरूरी है। लेकिन यह बात ध्यान में रखें की लोन की मंजूरी सिर्फ क्रेडिट स्कोर पर ही निर्भर नहीं करती है। है लेकिन हम यूं जरूर कह सकते है कि यह लोन की मंजूरी और नामंजूरी पर असर डालने वाले महत्वपूर्ण चरणों में से एक है
अच्छे क्रेडिट स्कोर से आप यह समझ ले कि 800 से ज्यादा क्रेडिट स्कोर शानदार माना जाता है। यह बताता है कि लोआन ले रहे व्यक्ति की वित्तीय स्थिति(आर्थिक स्टिट्जी)पूरी तरह से उसके काबू में है बकाया चुकाने का उसका रिकॉर्ड पूर्ण रूप से प्रमाणित है बैंक इस तरह वाले लोगों को लोन देने में शायद ही संकोच करे।
एक्सपीरियन और इक्विफाक्स भी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है एक्सपीरियन का क्रेडिट स्कोर भी 300 से 900 के बीच होता है। औए बता दें इक्विफाक्स का 1 से 999 होता है 1 सबसे खराब स्कोर है जबकि 999 सबसे ज्यादा होता है जैसा कि हमने पहले भी कहा था कि हर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का क्रेडिट स्कोर तय करने का अपना अलग ही फार्मूला होता है।